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रुक जाना नहीं; तू कहीं हार के ।।।

  • Writer: Jaweria Afreen Hussaini
    Jaweria Afreen Hussaini
  • Jul 2, 2018
  • 1 min read

*_"ज़िन्दगी" बदलने के लिए_* *लड़ना पड़ता है..!_* 

*_और आसान करने के लिए_* *समझना पड़ता है..!*

*_वक़्त आपका है,चाहो तो_*

*सोना बना लो और चाहो तो.* 

*_सोने में गुज़ार दो..!_*

*अगर कुछ अलग करना है तो* 

*_भीड़ से हटकर चलो..!_*

*भीड़ हिम्मत तो देती है पर*

*_पहचान छीन लेती है...!_*

*मंज़िल ना मिले तब तक हिम्मत*

*_मत हारो और ना ही ठहरो...._*

_क्योंकि_

*_पहाड़ से निकलने वाली नदियों ने_*

*आज तक रास्ते में किसी से नहीं पूछा कि... _*

 *"समन्दर कितना दूर है.* 


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